रायगढ़/ शहर में डेंगू के मामलों को नियंत्रित करने कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन में हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब शहर के तालाबों में मच्छर जनित रोगों के लिए जिम्मेदार लार्वा को नष्ट करने के लिए गंबूजिया मछली छोड़ी गई है। ये मछली पानी की सतह पर रहती है और डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियां पैदा करने वाले लार्वा को खा कर नष्ट कर देती हैं।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए आयुक्त नगर निगम श्री सुनील चंद्रवंशी ने बताया कि शहर के तालाबों में मच्छर जनित बीमारियों का कारण बनने वाले लार्वा को नष्ट करने के लिए गंबूजिया मछली डाली गई हैं। उन्होंने बताया कि शहर के फटहा मुड़ा, भुजबंधान तालाब, जय सिंह तालाब में ये मछलियां डाली गई हैं। दूसरे तालाबों में मछलियां डाली जा रही हैं। इसके लिए करीब 20 हजार मछलियों की व्यवस्था की गई हैं। ये मछलियां लार्वा को तेजी से समाप्त करने के लिए जानी जाती हैं।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने मार्गदर्शन में शहर में डेंगू नियंत्रण के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता डोर टू डोर सर्वे के साथ नगर निगम द्वारा साफ -सफाई का कार्य किया जा रहा है। दवा के छिड़काव के साथ फॉगिंग भी की जा रही है। ताकि डेंगू के लार्वा को पनपने से रोका जा सके।
मच्छर के लार्वा नष्ट करने में गंबूजिया मछली कारगर
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गंबूजिया मछली साफ और ऊपरी जल सतह पर रहती है, जहां मच्छर के लार्वा रहते हैं। गंबूजिया को मच्छरों के लार्वा विशेषकर पसंद होते हैं। एक मछली की आयु डेढ़ साल होती है और रोज 100 से 300 लार्वा तक खा सकती है। बात पूरे जीवनकाल की करें तो एक मछली लाखों लार्वा चट कर जाती हैं। साल भर में यह तीन बार प्रजनन करती है। यदि एक बार किसी तालाब में छोड़ दिया जाए तो संख्या बढ़ती जाती है।