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छत्तीसगढ़ मे दावेदार कई मगर कोई नाम तय नहीं,क्या छत्तीसगढ़ में बिना किसी चेहरे के 2023 का चुनाव लड़ेगी बीजेपी ?

छत्तीसगढ़ / भाजपा ने 17 अगस्त को एमपी छत्तीसगढ़ मिलाकर 60 दावेदारों की सूची जारी कर सबको चौंका दिया था. इस सूची में छत्तीसगढ़ के 21 दावेदारों के नाम की घोषणा हुई थी. 21 नामों में दो नाम सबसे अधिक चर्चा में रहे. पहला विजय बघेल का, जो कि दुर्ग से सांसद हैं और दूसरा राम विचार नेताम जो कि पूर्व राज्यसभा सदस्य और पूर्व मंत्री रह चुके हैं.

भाजपा ने अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव किया है. चुनावी राज्यों में भाजपा मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए बिना ही चुनाव लड़ने की प्लानिंग में दिख रही है. छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां भी सामूहिक नेतृत्व का ही फार्मूला भाजपा के काम आ सकता है, क्योंकि 2018 से भाजपा सबक लेना चाहेगी. मतलब भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के 15 वर्षों के कार्यों को लेकर जनता के पास तो जाएगी लेकिन चेहरा सामूहिक नेतृत्व पर ही फोकस होगा.

पिछली बार 15 सीटों पर सिमट गई थी बीजेपी

पिछली बार मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के चेहरे पर पार्टी ने दांव खेला था, जिसमें पार्टी को कोई फायदा नहीं मिला था, बल्कि जो परिणाम आए वह बेहद चौंकाने वाले थे. भाजपा 15 सीटों पर सिमट गई थी. भाजपा उनके नेतृत्व या कहें उनके हाथों में नेतृत्व दे सकती है जो भविष्य में सीएम के दावेदार हों और लॉन्ग टाइम छत्तीसगढ़ का फेस बने रह सकें. राजनीतिक जानकारों की मानें तो 2023 में यदि भाजपा की सरकार बनी तो प्रदेश में हर वर्ग से मुख्यमंत्री पद के दावेदार सामने दिखाई देंगे.

2023 में होंगे कई ऐसे चेहरे जो बनेंगे सीएम दावेदार

भाजपा ने 17 अगस्त को एमपी छत्तीसगढ़ मिलाकर 60 दावेदारों की सूची जारी कर सबको चौंका दिया था. इस सूची में छत्तीसगढ़ के 21 दावेदारों के नाम की घोषणा हुई थी. 21 नामों में दो नाम सबसे अधिक चर्चा में रहे. पहला विजय बघेल का, जो कि दुर्ग से सांसद हैं और दूसरा राम विचार नेताम जो कि पूर्व राज्यसभा सदस्य और पूर्व मंत्री रह चुके हैं. भाजपा ने इन दो चेहरों को मैदान में उतारकर ये संकेत दिया है कि भाजपा में 2023 के चुनाव में कोई सीएम का फेस नहीं होगा, बल्कि कई ऐसे चेहरे होंगे जो सीएम के दावेदार बन सकते हैं.

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